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सूर्य का राशि परिवर्तन

सूर्य अर्थात ग्रहों का राजा। यह सौरमंडल का सबसे शक्तिशाली ग्रह 17 अगस्त 2023 को कर्क राशि का त्याग कर अपनी राशि अर्थात सिंह में प्रवेश करेगा। सूर्य के इस राशि परिवर्तन का आप पर अर्थात सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? किस प्रकार सूर्य द्वादश राशि को शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक रूप से प्रभावित करेगा और किस प्रकार इसके राशि परिवर्तन से होने वाले लाभ को और अधिक बढ़ाया जा सकता है तथा साथ ही साथ नकारात्मक होने पर परिणाम को न्यून किया जा सकता है।

सूर्य निर्विवाद रूप से ग्रहों का राजा होता है और सिंह राशि उसकी अपनी राशि है, साथ ही साथ सिंह राशि में ही सूर्य मूल त्रिकोण का भी होता है। जिसके कारण सिंह राशि के गोचर का प्रत्येक राशि पर अच्छा या बुरा निश्चित प्रभाव देखा जा सकता है। निश्चित रूप से 17 अगस्त से 17 सितंबर तक सिंह राशि में गोचर करने वाला सूर्य, किस प्रकार आपको बेहतर फल प्रदान करेगा।

यहां आप यह तथ्य भी जान लीजिए कि सूर्य का सिंह राशि का गोचर किसे अधिक प्रभावित करेगा। जिनके जन्म समय चंद्रमा कृतिका, उत्तराफाल्गुनी अथवा उत्तराषाण नक्षत्र में होगा क्योंकि यह तीनों ही नक्षत्र सूर्य के हैं। इसी के साथ-साथ यदि सूर्य की दशा अंतर्दशा चल रही है अथवा सूर्य के शत्रु ग्रह शुक्र, शनि राहु या केतु की दशा चल रही है तो ऐसे लोग विशेष रूप से इस गोचर से प्रभावित होंगे।

सूर्य को शासन सत्ता का स्वामी ग्रह कहा जाता है जिसके कारण यदि आप राजनेता हैं उच्च अधिकारी हैं अथवा सरकारी नौकरी में है तो निश्चित रूप से सुरे का यह गोचर आपको विशेष प्रभावित करेगा।

प्रत्येक राशि के फल जानने के पहले आप यह भी जान ले की काल पुरुष के कुंडली में सूर्य पंचम भाव का नेतृत्व करता है जो आपके इमोशन, विद्या, संतान ,नए कार्य का प्रारंभ, मानसिक दृढ़ता, आत्मविश्वास आदि को दर्शाता है। निश्चित रूप से जब सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करता है तो जन्म के समय के सूर्य की स्थिति के अनुसार शरीर में पाए जाने वाले तत्वों की मात्रा में वृद्धि अवश्य होती है।

यदि सूर्य नकारात्मक स्थिति में है तो सिंह राशि का गोचर आपके अंदर के स्वाभिमान को अभिमान में बदलकर असफलता प्रदान करता है और यदि सूर्य सकारात्मक स्थिति में है तो कठिन से कठिन कार्य को भी आप पूरे निष्ठा एवं समर्पण के साथ करने में सफलता प्राप्त कर लेते हैं। तात्पर्य है कि सिंह राशि का सूर्य निश्चित रूप से शरीर में पाए जाने वाले अग्नि तत्वों की मात्रा को बढ़ा देता है और इसका सदुपयोग एवं दुरुपयोग जन्म कालिक सूर्य की अवस्था के अतिरिक्त चल रही दशाओं पर भी निर्भर करता है।

राशिफल पर आने के पहले सूर्य की सिंह राशि में प्रवेश के समय थोड़ा प्रभावकारी गोचर के बारे में भी जान लेते हैं। देखिए जिस समय सूर्य, सिंह राशि में प्रवेश कर रहा है उस समय बुध सिंह राशि में ही है जिसके कारण 17 अगस्त से सूर्य तथा बुध की युति गोचर में बुधादित्य योग का जहां निर्माण करेगी वहीं पर मेष राशि में गोचर कर रहा है बृहस्पति अपनी पांचवी दृष्टि से सूर्य पर दृष्टि डालकर उसे शुभत्व प्रदान करेगा। शनि कुंभ राशि में गोचर कर रहा है जो सातवीं दृष्टि से सिंह राशि पर दृष्टिपात करेगा जो उसके सकारात्मक परिणाम को नकारात्मक बनाने का प्रयास करेगा।

सूर्य के इस राशि परिवर्तन का प्रत्येक राशि के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने का प्रयास करते हैं। इस क्रम में सबसे पहली राशि मेष है।

  • मेष

    राशि के लिए सूर्य का गोचर सभी प्रकार से उत्तम फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा। आपकी राशि से पंचम भाव में सूर्य के गोचर करने के कारण मान सम्मान बढ़ेगा, रुके हुए कार्य पूरे होंगे, सरकारी विभाग में अटके हुए कार्य पूरे होंगे, धन कमाने के लिए किया गया प्रयास सार्थक होगा, नौकरी में प्रोन्नति की बहुत अच्छी संभावना दिखाई देती है।

    प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए सिंह राशि का गोचर अद्भुत लाभ प्रदान करने वाला कहा जाएगा। यदि 17 अगस्त से 17 सितंबर के बीच कोई परीक्षा निर्धारित है तो पूरी तन्मयता से परीक्षा की तैयारी करें , सफलता लगभग सुनिश्चित कही जा सकती है। यदि आप कंसल्टेंसी, शिक्षा, चिकित्सा आदि से जुड़े कार्य करते हैं दो निश्चित रूप से यह गोचर आपको लाभ प्रदान करने वाला कहा जाएगा।

    नव दंपति अथवा संतान की प्लानिंग करने वालों के लिए यह समय अच्छा कहा जाएगा। राशि से पंचम भाव में सूर्य का अपने घर में होना तथा बृहस्पति की दृष्टि अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी अर्थात आपके संतान प्राप्त करने का मनोरथ पूर्ण करने वाला समय कहा जाएगा। सूर्य की इस अनुकूल गोचर के लाभ के लिए आप को नियमित रूप से भगवान सूर्य को जल देना चाहिए तथा भगवान शिव शंकर की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

  • वृष

    वृषभ राशि के लिए चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर सामान्यतः सुख में कमी, मानसिक चिंता तथा तनाव देने वाला होता है। लेकिन आपकी राशि से चतुर्थ भाव के सूर्य पर पड़ने वाले बृहस्पति की दृष्टि के कारण पैतृक संपदा की प्राप्ति, भूमि भवन खरीदने की योजना का संपादन, पुराने मकान मैं मोडिफिकेशन, नौकरी की प्राप्ति हो सकती है। राशि के स्वामी तथा धन के स्वामी का सूर्य के साथ संजोग आर्थिक दिशा में किए गए प्रयास को जहां सार्थक बनाएगा वहीं रुके हुए धन की प्राप्ति भी कराएगा।

    परिवार में थोड़े मनमुटाव के साथ शनि की दृष्टि ,माता अथवा बड़ी बहन के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। दशम भाव से चतुर्थ भाव पर पड़ने वाली शनि की दृष्टि कभी-कभी आपको अपनी ही कार्यों से असंतोष भी दे सकती है। अतः अनुकूल गोचर को फलीभूत करने के लिए आत्मविश्वास निश्चित बनाए रखें।

    राशि से द्वादश भाव में गोचर कर रहे बृहस्पति की दृष्टि कार्य के प्रति जहां निष्ठा पैदा करेगी वही रुके हुए कार्य को अथवा पुराने विवाद को बातचीत से हल करने में सहायता प्रदान करने वाला सिद्ध होगा। सूर्य को उत्तम बनाने के लिए आपको निकट के शिवालय जाकर भगवान् शिव का अभिषेक करना चाहिए।

  • मिथुन

    राशि के दर्शकों के लिए राशि से तृतीय भाव में सूर्य का गोचर शारीरिक मानसिक तथा आर्थिक प्रगति के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय कहा जाएगा। सिंह राशि में गोचर करने के कारण आपको नया आत्मविश्वास, नई ऊर्जा तथा नए नए अवसर मिलने का स्पष्ट योग कहा जाएगा। सूर्य के साथ बुध के होने के कारण कई बिगड़े कार्य, वाणी की कुशलता तथा उचित निर्णय लेने से बनने लगेंगे। नौकरी के क्षेत्र में आपके कार्य की प्रशंसा होगी तथा प्रोन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

    तृतीय भाव में सूर्य के साथ बुध के गोचर के कारण समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी तथा आपके कार्यों को सराहा जाएगा। यदि आप किसी नए प्रकार के कार्य का प्रारंभ करना चाहते हैं तो यह समय उत्तम कहा जाएगा। सपरिवार यात्रा का सुख प्राप्त होने का भी सुखद संकेत कहा जाएगा। एडमिनिस्ट्रेशन,राजनीति, सोशल मीडिया, फिल्म फिल्म संगीत कल से संबंधित कार्य करने वालों को विशेष लाभ प्रदान करने में गोचर मदद करने वाला सिद्ध होगा।

    सूर्य के इस अनुकूल गोचर को और लाभकारी बनाने के लिए नियमित भगवान सूर्य को जल दे तथा रुद्राष्टकम् का एक पाठ अवश्य करें।

  • कर्क

    कर्क राशि वालों के लिए धन भाव में सिंह राशि का सूर्य आर्थिक समस्या को जहां दूर करेगा वही धन वृद्धि का अवसर भी प्रदान करने में सहायता करेगा। सूर्य के साथ बुध की स्थिति आपके लिए विशेष सहायक कहीं जा सकती है। इस योग के कारण परिवार के सदस्यों का भी पूरा सहयोग मिलने की स्थिति बनेगी।

    इस गोचर की अवस्था में आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि शनि की दृष्टि भी सूर्य पर पड़ रही है। शनि की दृष्टि आप को अनावश्यक रूप से उत्तेजित कर वाणी को खराब कर सकती है और आप के बनते हुए कार्य बिगड़ सकते हैं। अतः धन भाव के बलवान सुबह सूर्य के गोचर का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक है कि आप विनम्र बने रहें।

    आपके पूर्व के इन्वेस्टमेंट से जहां अच्छे लाभ की संभावना बन रही है वहीं डूबे हुए धन के मिलने की भी अच्छी संभावना कही जाएगी। नौकरी में भी अप्रेजल की अच्छी संभावना दिखे रही है तथा परिवर्तन का योग भी बनेगा। नौकरी की तलाश करने वाले जातक अथवा विद्यार्थियों के लिए भी सूर्य सफलता प्रदान करने में सहायक कहा जाएगा। सूर्य के इस गोचर को और लाभकारी बनाने के लिए आपको नियमित रूप से आदित्य हृदय स्त्रोत का निश्चित पाठ करना चाहिए और प्रत्येक रविवार को गरीबों को अन्न का दान करना चाहिए।

  • सिंह

    राशि के जातक के लिए सूर्य का सिंह राशि का गोचर परम लाभकारी फल प्रदान करने वाला सिद्ध होगा। सिंह राशि का स्वामी सूर्य आपकी राशि से ही गुजर रहा है। फल स्वरुप आत्मविश्वास में वृद्धि, रुके हुए कार्य का पूरा होना, शासन सत्ता के सहयोग से लाभ, समाज तथा परिवार में प्रतिष्ठा वृद्धि, नए कार्य का अवसर प्राप्त होना कहा जाएगा।

    यदि आप सरकारी सेवा में हैं तो निश्चित रूप से आपके अधिकारियों से अच्छे संबंध बनेंगे और इच्छित स्थान पर स्थानांतरण कहा जाएगा। यदि व्यवसाय कर रहे हैं या प्राइवेट नौकरी में है तो अच्छे आर्थिक लाभ के साथ नौकरी में प्रोन्नति, इच्छित नौकरी की प्राप्ति, जिम्मेदारियां का बढ़ना आदि परिणाम प्राप्त होंगे।

    सिंह राशि के जातकों को यह भी ध्यान रखना होगा की शनि की दृष्टि भी पड़ रही है जिसके कारण आपके अंदर क्रोध की भावना अथवा आवश्यकता से अधिक स्वाभिमान का संचार हो सकता है जो पारिवारिक सुख के लिए तथा अपने लोगों से रिश्ते बनाए रखने में समस्या उत्पन्न करने के साथ गलत निर्णय के कारण मानसिक तथा आर्थिक हानि भी दे सकता है।

    अतः सिंह राशि के सूर्य के बेहतर गोचर के लिए आपको अपने मन: स्थिति पर नियंत्रण अवश्य रखना चाहिए तथा छोटे एवं बड़े सभी लोगों से विनम्रता पूर्वक व्यवहार रखना होगा।

    अपने मूल त्रिकोण में सूर्य के रहने के कारण आपके अंदर अधिक उर्जा का संचार भी होगा जो किसी भी कीमत पर सफलता प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरित कर सकता है। यदि ऐसी स्थिति आपको महसूस हो तो निश्चित रूप से बिना विचार के कोई भी कार्य न करें तथा जोखिम भरे निर्णय से स्वयं को दूर रखें।

    सूर्य के अनुकूल गोचर को लाभप्रद बनाने हेतु आपको नियम से भगवान सूर्य को जल देने के साथ सूर्य सूर्याष्टकम् का एक पाठ अवश्य करना चाहिए।

  • कन्या

    कन्या राशि के जातकों को मिश्रित परिणाम प्राप्त होने की संभावना कई जाएगी। राशि से द्वादश भाव में सूर्य का गोचर मानसिक उद्विग्नता,अनावश्यक व्यय, अचानक जिम्मेदारियां का बढ़ जाना, चल रहे कार्यों में अपेक्षित सफलता न मिलने से मानसिक असंतोष की स्थिति, नौकरी में नीरसता, इच्छा अनुसार परिवर्तन न होना आदि परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

    यह अवश्य ध्यान रखें की 12हवा भाव विदेश से संबंधित कार्यों के लिए बेहतर परिणाम देगा अर्थात यदि आप विदेश जाना चाहते हैं तो निश्चित रूप से जाने में आ रही बाधा समाप्त होगी ।नौकरी के नए अवसर भी मिलेंगे और यदि आप विदेश में व्यवसाय या नौकरी करते हैं तो निश्चित रूप से आपके कैरियर में अच्छे उन्नति की संभावना कहीं जाएगी।

    राशि से द्वादश भाव में बुध के साथ बैठा सूर्य, जो बृहस्पति तथा शनि से दृष्ट है वह आध्यात्मिक कार्य में रुचि बढ़ाएगा तथा देवालय का दर्शन भी करा सकता है।

    द्वादश भाव के सूर्य का बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए रविवार का व्रत रहिए तथा ॐ घृणि: सूर्याय नमः मंत्र का एक माला अवश्य जप करिए।

  • तुला

    आपकी राशि से लाभ के घर में सूर्य का गोचर अच्छा फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा। एकादश भाव जिसे हम इच्छापूर्ति, मित्र का सुख, सफलता, सरकार से लाभ आदि देखते हैं। उसमें मजबूत सूर्य तथा बुध के होने के कारण निश्चित रूप से प्रगति की पूर्ण संभावना कहीं जाएगी।

    हमारे वे जातक गण जो सरकारी सेवा में है उनको निश्चित लाभ मिलने के साथ इच्छित स्थानांतरण, उच्चाधिकारी से बेहतर तालमेल की संभावना बनेगी। जो जातक प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं उनका भी आय बढ़ेगा नौकरी में इंक्रीमेंट,इच्छित परिवर्तन, नई नौकरी की प्राप्ति आदि लाभ की स्थितियां बनेंगे।

    एकादश भाव में गोचर कर रहा सूर्य, बृहस्पति तथा शनि से दृष्ट होने के कारण प्रतियोगी विद्यार्थियों तथा बेरोजगार युवक व युवतियों को अनुकूल परिणाम प्रदान करने वाला सिद्ध होगा। यदि आपका कोई धन कहीं अटका हुआ है तो प्रयास, तेज कर दें बकाया राशि की वसूली भी सुनिश्चित कहीं जा सकती है।

    एकादश भाव को इच्छापूर्ति का भाव भी कहते हैं और उसने बैठा हुआ सूर्य विशेष रूप से प्रभावी होने के कारण आपके नए कार्य का प्रारंभ कराएगा और लंबे समय से रुके हुए कार्य को गति प्रदान करेगा।

    सूर्य के इस गोचर को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आपको नवोदय सूर्य किरणों को जल देना चाहिए तथा प्रत्येक रविवार लाल मसूर का दान करना चाहिए।

  • वृश्चिक

    आपकी राशि से दशम भाव में सूर्य गोचर करेगा। दशम भाव जिसे कर्म का भाव कहा जाता है, इसमें सूर्य के गोचर करने से आपके कार्यक्षेत्र में निश्चित ही प्रगति की संभावना कहीं जाएगी। सूर्य के अपने घर में गोचर करने के कारण नौकरी में प्रमोशन, कार्य में प्रगति, समाज में मान मर्यादा का बढ़ना, सरकार से विशेष लाभ की स्थिति बनना, पैतृक संपदा की प्राप्ति, पिता से विशेष सहयोग की स्थिति बनती हुई दिखाई दे सकती है।

    यह समय प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए भी सफलता प्रदान करने वाला कहा जाएगा और साथ ही साथ बेरोजगार जातक को भी रोजगार प्रदान करने में सहायता प्रदान करेगा।

    राशि से दशम गोचर कर रहा सूर्य बृहस्पति तथा शनि से देखा जा रहा है तथा साथ ही साथ बुध भी सूर्य के साथ है जिसके कारण नए कार्य का प्रारंभ ,चुनौती पूर्ण कार्य में सफलता, इच्छा के अनुरूप कार्य की प्राप्ति संभव है। हालांकि पिता से आपको लाभ मिलने की संभावना है लेकिन शनि की दृष्टि के कारण पिता का स्वास्थ्य बाधित हो सकता है।

    इस समय को और लाभकारी बनाने के लिए भगवान शिव की आराधना विशेष रूप से सहायक कही जाएगी।

  • धनु

    आपकी राशि से सूर्य भाग्य भाव में गोचर करेगा। देखिए धनु राशि से नवम अर्थात भाग्य की राशि सिंह होती है जिसके कारण सूर्य का अपने घर में गोचर निश्चित रूप से आपको प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। धनु राशि से तीसरे भाव में बैठा हुआ शनि पराक्रम को बढ़ाने के साथ-साथ आपके कार्य को पहचान दिलाएगा तथा नए प्रकार के कार्य करने की तरफ भी अग्रसर बनाएगा।

    भाग्य की राशि में परिक्रमण कर रहा सूर्य नौकरी में प्रोन्नति, इच्छा के अनुरूप परिवर्तन, धार्मिक यात्रा, नए व्यवसाय का प्रारंभ, सुखद यात्रा, सरकार से पुरस्कार प्राप्ति अथवा अन्य लाभ की स्थिति बना सकता है।जिन दर्शकों का अप्रेजल होना है उनके लिए यह समय सहायक सिद्ध होगा। अधिकारी से अच्छा समन्वय होने के कारण कार्य में वृद्धि अथवा जिम्मेदारी का बढ़ना भी संभव है।

    यदि आप उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हो या अपने देश में ही शिक्षा लेना चाहते हो तो नवम भाव के सूर्य तथा उसे पर बृहस्पति की दृष्टि आपको सफलता दिलाने में सहायक सिद्ध होगी।

    यदि आप उच्च रक्तचाप अथवा हृदय से संबंधित किसी प्रकार के रूप से ग्रस्त हैं तो निश्चित रूप से सावधान रहिएगा। अच्छी सेहत तथा सफलता के लिए आपको लघु मृत्युंजय मंत्र "ॐ जूं सः " का एक माला निश्चित क्या करना चाहिए।

  • मकर

    आपकी राशि के लिए सूर्य का यह गोचर परीक्षा का समय कहा जाएगा। शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, परिवारिक तथा सामाजिक क्षेत्र में संघर्ष की स्थिति बनने की पूरी संभावना कहीं जाएगी।

    राशि से अष्टम भाव में सूर्य का गोचर आप के चलते हुए कार्य में बाधा, अच्छे भले स्वास्थ्य में अचानक परेशानी, खर्चों के बढ़ जाने से आर्थिक तंगी तथा अकारण विवाद की स्थिति बनने की संभावना कई जाएगी।

    सूर्य के अष्टम तथा शनि के राशि से दूसरे गोचर के कारण 17 सितंबर तक का समय चुनौती पूर्ण हो सकता है। यहां यह भी ध्यान रखना होगा कि द्वितीय भाव में शनि की उपस्थिति आपके उतरती हुई साढेसाती का प्रतीक है जो अकारण पारिवारिक विवाद उत्पन्न कर मानसिक क्लेश दे सकती है तथा जोखिम भरे कार्यों में हानि के साथ-साथ छोटी-मोटी दुर्घटना भी प्रदान कर सकती है।

    राशि से अष्टम भाव में सूर्य के गोचर तथा उसका शनि की दृष्टि सरकार के पक्ष से भी पीड़ा पहुंचाने वाली हो सकती है। इसलिए किसी भी प्रकार के सरकारी कार्य की अनदेखी बिल्कुल भी न करें‌।

    इस समय आपको अचानक धन अवश्य मिल सकता है अथवा पूर्व के किए हुए कार्य से आर्थिक लाभ की स्थिति बन सकती है। अष्टम भाव के सूर्य के गोचर के नकारात्मक प्रभाव को न्यून करने के लिए भगवान सूर्य को नियमित जल प्रदान करने के साथ-साथ एक माला महामृत्युंजय का अवश्य करना चाहिए।

  • कुम्भ

    कुंभ राशि के जातकों, आपकी राशि से सूर्य सप्तम भाव में गोचर करेगा। राशि से सप्तम सूर्य का गोचर बहुत मजबूत होने के कारण एक तरफ जहां आर्थिक क्षेत्र में विशेषकर व्यवसाय में प्रगति देता हुआ दिखाई देगा, यदि व्यवसाय पार्टनरशिप में हो तो पार्टनर्स के बीच में अनावश्यक कन्फ्यूजन प्रदान कर मानसिक तनाव की स्थिति भी उत्पन्न कर सकता है।

    सप्तम में अपने घर का सूर्य गोचर कर रहा है जिसके कारण नौकरी का अवसर प्राप्त होगा लेकिन जो लोग नौकरी कर रहे हैं उनको कार्य की अधिकता, उच्चाधिकारियों से मतभेद, खराब स्थान पर स्थानांतरण, इच्छा के अनुरूप नौकरी में परिवर्तन न होना आदि परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

    सूर्य पर शनि की दृष्टि के कारण परिवारिक मतभेद की स्थिति बन सकती है विशेष रुप से यदि दांपत्य जीवन में पहले से मतभेद की स्थिति हो तो अलग रहने अथवा तलाक की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इसके अतिरिक्त जिनका दांपत्य जीवन मधुर है उनके जीवन साथी के स्वास्थ्य में परेशानी आ सकती है जिससे परिवारिक जीवन संघर्ष की स्थिति में आ सकता है।

    सप्तम भाव के सूर्य के गोचर पर शनि की दृष्टि के कारण आपकी समस्या बढ़ेगी अवश्य लेकिन बृहस्पति की दृष्टि आपको धैर्य प्रदान करेगी तथा समस्या से निकलने का समाधान भी प्रदान करेगी। जहां तक हो सके तो कार्य में लापरवाही न करे और सरकारी अधिकारी अथवा किसी भी विभाग से दुश्मनी मोल न लें।

    समस्या के समाधान के लिए आपको नियमित भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए तथा ओम रूद्रेश्वराय नमः मंत्र का एक माला अवश्य जाप करना चाए।

  • मीन

    आपकी राशि से छठे भाव अर्थात सिंह राशि में सूर्य गोचर करेगा। देखिए दर्शकों राशि से छठे भाव में किसी भी पाप ग्रह का गोचर लाभकारी होता है जिसके कारण सूर्य का अपने घर का गोचर निश्चित रूप से आपके समस्याओं को समाप्त करने वाला सिद्ध हो सकता है।

    सूर्य की मजबूत अवस्था के कारण आपके शत्रुओं का समाप्त होना, कर्ज की स्थिति का खत्म होना, कोर्ट कचहरी से संबंधित कार्य में सफलता, चल रहे कार्यों में आ रही बाधा का समाप्त होना, प्रतियोगी परीक्षा में सफलता भूमि से संबंधित विवाद में समझौते की स्थिति ननिहाल से लाभ आदि परिणाम प्राप्त हो सकता है।

    सूर्य का छठे भाव का गोचर आपके बिगड़े कार्य बनाने वाला सिद्ध हो सकता है। यदि किसी कारण वश आपकी नौकरी छूट गई है तो निश्चित रूप से नौकरी प्राप्त होगी, नौकरी में इंक्रीमेंट इच्छा के अनुसार, परिवर्तन आशा से बेहतर ,अप्रिशिएसन भी प्राप्त हो सकता है।

    जो लोग नौकरी की तलाश में है उनके लिए यह एक अच्छा समय जरूर कहा जा सकता है। आपकी योग्यता के अनुरूप नौकरी के प्राप्त होने की पूरी आशा कही जाएगी यदि आप अपने नौकरी में परिवर्तन करना चाहते हैं तो इच्छा के अनुरूप नई नौकरी प्राप्त होने की भी संभावना कही जाएगी। यदि नौकरी अथवा व्यवसाय के लिए आप विदेश जाना चाहते हैं तो निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होने की पूरी संभावना कही जाएगी।

    सूर्य के छठे भाव के गोचर के कारण पुराने चल रहे रोगों में भी लाभ की स्थिति बनेगी। यहां तक की आपकी चल रही साढे साती के कारण जो भी चुनौतियां सामने आ रही हैं उनके समापन में भी बहुत हद तक सूर्य सहायक सिद्ध होगा।

    सूर्य के सकारात्मक गोचर के प्रभाव को और बेहतर बनाने हेतु नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य दें तथा सूर्य के द्वादश नाम का जप करें।