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मंगल का राशि परिवर्तन
( 26 फरवरी से 07 अप्रैल-2022 )

भूमि पुत्र मंगल जो संपूर्ण मनुष्य के जीवन के ऊर्जा, साहस, पराक्रम तथा धैर्य का नेतृत्व करने के साथ-साथ दुर्घटना युद्ध आदि का नेतृत्व करता है, वह दिनांक 26 फरवरी 2022 को वर्तमान धनु राशि को त्याग कर 3:00 बज कर 48 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहा है । मंगल के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही साथ मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों के ऊपर गहरा प्रभाव पढ़ने वाला कहा जाएगा। यद्यपि मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि है जो मंगल का परम शत्रु कहलाता है परंतु इसी राशि में मंगल अपनी अतिवादी स्वभाव को त्याग कर व्यवहारिक स्वभाव ग्रहण करने के कारण उच्च का परिणाम भी प्रदान करने में वाला सिद्ध होता है। मंगल के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ साथ भिन्न-भिन्न राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव का फल निम्न वत हो सकता है।

  • मेष

    आपकी राशि से मंगल दशम भाव में गोचर करेगा। दशम भाव में गोचर कर रहा मंगल दिग्बली होने के कारण उत्तम फल प्रदान करने की स्थिति में कहा जाएगा। मंगल के इस लाभकारी गोचर के कारण रुके हुए कार्यों में सफलता का प्राप्त होना, लंबे समय से चलरहे मानसिक तनाव का दूर होना, शारीरिक रूप से स्वस्थता तथा नए प्रकार के कार्यो का अवसर प्राप्त होना, लंबी यात्रा से लाभ आदि की संभावना कहीं जाएगी। मंगल के बलवान तथा शुभ होने के कारण जोखिम लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ने की संभावना कही जाएगी। अतः लंबी सफलता हेतु धैर्य रखें तथा प्रत्येक कार्य को सोच विचार कर ही करें। उक्त समय में आप को विशेष रूप से भूमि एवं वाहन के लाभ कि जहां प्रबल संभावना कहीं जाएगी वहीं माता के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। विदेश से जुड़े हुए कार्यों में भी अच्छी सफलता की संभावना के साथ-साथ उच्च का मंगल उन जातकों के लिए और भी बेहतर परिणाम प्रदान करने वाला कहा जाएगा जिनका जन्म मेष, सिंह, कर्क, सिंह ,वृश्चिक, धनु एवं मीन राशि के लग्न का हो।

  • वृष

    वृष राशि के जातकों के लिए मंगल राशि से नवम भाव में गोचर करने के कारण सामान्यतः लाभकारी परिणाम प्रदान करने वाला सिद्ध हो सकता है। भाग्य भाव में उच्च का मंगल आर्थिक प्रगति के लिए अच्छा कहा जाएगा तथा ऐसे कार्य जो अनावश्यक रूप से रुके पड़े हैं ,उन्हें संपादित करने में पूर्ण सहायता प्रदान करने वाला सिद्ध होगा।
    भाग्य के समर्थन के कारण नौकरी में प्रगति, व्यवसाय में उन्नति, संतान की प्रगति से लाभ, धार्मिक कार्यों के प्रति, विशेष रूचि आदि का फल प्राप्त हो सकता है। नवम भाव में बैठा हुआ मंगल विदेश से जुड़े हुए कार्य अथवा नौकरी की प्राप्ति हेतु विशेष सहायक सिद्ध हो सकता है।

  • मिथुन

    मिथुन राशि से अष्टम भाव में गोचर कर रहा उच्च का मंगल नकारात्मक फल प्रदान करने वाला सिद्ध हो सकता है। अतः 26 फरवरी से 7 अप्रैल तक प्रत्येक कार्य को सोच समझकर करने की आवश्यकता कहीं जाएगी।
    अष्टम भाव में गोचर कर रहा मंगल चल रहे कार्यों में रुकावट तथा बाधा के अतिरिक्त मानसिक रूप से भी न केवल दुर्बल बना सकता है। अपितु परिवारिक माहौल के खराब होने के कारण उमंग की कमी भी कर सकता है।
    उक्त समय में किसी भी प्रकार के जोखिम भरे कार्य को करने से बचना चाहिए तथा साथ ही साथ विवाद तेज वाहन तथा भूमि क्रय के मामले में विशेष सावधानी रखने की सलाह दी जाएगी। अष्टम के मंगल की नकारात्मकता को समाप्त करने हेतु बजरंग बाण का तीन पाठ आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

  • कर्क

    आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर कर रहा उच्च का मंगल मिश्रित फल प्रदान करने वाला सिद्ध हो सकता है। मंगल के उच्चस्थ होने के कारण जहां आप को व्यवसायिक सफलता प्राप्त होने की संभावना कही जाएगी वहीं विदेश यात्रा विदेश से जुड़े कार्यों में लाभ, साझेदारी के व्यवसाय में आर्थिक प्रगति, भूमि, भवन, ठेकेदारी आदि से जुड़े कार्यों में विशेष लाभ, भूमि का क्रय, वाहन सुख, संतान की प्रगति से आनंद की अनुभूति आदि परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
    उक्त के अतिरिक्त स्वास्थ्य में समस्या, विशेषकर वे जातक जो उच्च रक्तचाप अथवा हृदय रोग से संबंधित है उन्हें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता कहीं जाएगी। दांपत्य जीवन में भी आपकी उग्रता के कारण मानसिक मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जोखिम भरे कार्य में बड़े होने की संभावना भी कही जाएगी।

  • सिंह

    राशि का स्वामी सूर्य मंगल का परम मित्र है। अतः राशि से छठे भाव में उच्च के मंगल के गोचर के कारण पूर्व की सभी बाधाओं का समापन, शत्रुओं पर विजय, आरोग्य का लाभ, अदालत से जुड़े कार्यों में सफलता, प्रगति के मार्ग के सभी अवरोध का समापन, डूबे हुए धन की प्राप्ति, लंबे समय से चल रहे भूमि अथवा भवन के विवाद का सफलतापूर्वक निस्तारण विदेश यात्रा आदि का परिणाम प्राप्त हो सकता है।
    उपरोक्त के अतिरिक्त मंगल आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार करते करते हुए नवीन प्रकार के कार्यों का प्रारंभ कराने के साथ-साथ व्यवसाय का नया अवसर प्रदान करने वाला सिद्ध हो सकता है। लंबे समय से रुके हुए प्रोन्नति विदेश यात्रा संतान बाधा आदि विषय में भी पूर्ण सफलता प्रदान करने वाला कहा जा सकता है।

  • कन्या

    विद्या एवं संतान भाव में गोचर कर रहा मंगल साहस पराक्रम तथा आपको ऊर्जावान बनाने की दिशा में जहां बेहतर परिणाम देने वाला कहा जाएगा वही संतान की प्रगति, यश, प्रसिद्धि तथा भूमि भवन, भवन- सामग्री, ठेकेदारी आदि के कार्यों में भी अच्छी सफलता प्रदान कराने वाला कहा जाएगा।
    पंचम के मंगल के कारण गृहस्थ जीवन के साथ साथ पारिवारिक वातावरण में असंतोष का अनुभव कर सकते हैं। अचानक शेयर बाजार अथवा खरीद-फरोख्त के कार्य में हानि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पाचन क्रिया से संबंधित परेशानी आपके स्वास्थ्य को थोड़ी बाधित कर सकती है।
    वे जातक गण जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए यह गोचर अनुकूल फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा।

  • तुला

    पारिवारिक सुख के दृष्टिकोण से मंगल ग्रह का गोचर नकारात्मक फल प्रदान करने वाला सिद्ध हो सकता है। परिवार के प्रत्येक सदस्य का मत आपसे भिन्न हो सकता है तथा आपको यह महसूस हो सकता है कि आप सब कुछ करने के बाद भी परिवार में उपेक्षित हो रहे हैं।
    भूमि भवन के मामले में स्थिति अनुकूल होने के बाद भी सफलता की संभावना कम कहीं जाएगी। स्वयं के संबंधों में भी नकारात्मकता आ सकती है तथा पिता अथवा अन्य किसी बड़े बुजुर्ग की तबीयत खराब होने के कारण चिंता बन सकती है।
    यद्यपि चतुर्थ भाव का गोचर विवादित कार्यों में थोड़ी सफलता प्रदान कर आएगा तथा आर्थिक स्रोत में भी वृद्धि करा सकता है। सारांश रूप में यह कहा जा सकता है की येन- केन प्रकारेण आपको शारीरिक, मानसिक एवं परिवारिक परिजनों का सामना करना पड़ सकता है पड़ेगा।

  • वृश्चिक

    वृश्चिक राशि का स्वामी स्वयं मंगल होता है तथा उसका राशि से तृतीय भाव में उच्च का गोचर पूर्ण कल्याणकारी फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा। मंगल की इस गोचरी अवस्था के कारण शत्रुओं का समन पराक्रम में वृद्धि चल रहे कार्यों में विशेष लाभ नवीन कार्य के अवसर की प्राप्ति रुके हुए कार्यों का संपन्न होना समाज में मान मर्यादा एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य के भी उत्तम रहने की पूरी संभावना कही जाएगी। मंगल की उच्च गोचरी अवस्था आपको चतुर्दिक विकास प्रदान कराने वाली कही जा सकती है। प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए यह समय अत्यंत अनुकूल कहा जाएगा। इस समय आयोजित होने वाली परीक्षा में निश्चित रूप से गंभीरता पूर्वक तैयारी करने की सलाह दी जाएगी क्योंकि यह समय नौकरी प्राप्त करने के लिए उत्तम कहा जाएगा। पूर्व में मित्रों तथा संबंधियों से खराब हुए रिश्ते स्वत: ही अनुकूल होने लगेंगे तथा आपको स्वजनों से भी पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।

  • धनु

    धन एवं परिवार के भाव में उच्च के मंगल का गोचर आर्थिक रूप से तथा कार्य में प्रगति के दृष्टिकोण से जहां लाभदायी परिणाम प्रदान करने वाला कहा जाएगा वही परिवारिक सुख को बाधित करने वाला भी सिद्ध हो सकता है। पुराने रुके हुए कार्यों में गति प्राप्त होगी, डूबे धन के मिलने की संभावना कहीं जाएगी तथा भूमि एवं भवन से संबंधित लंबित कार्य में निश्चित सफलता के योग कहे जाएंगे।
    यहां बैठा हुआ मंगल यद्यपि आपके स्वभाव में थोड़ी उग्रता पैदा करने वाला कहा जाएगा परंतु किसी प्रकार से भी चिंता उत्पन्न करने वाली घटना को जन्म नहीं देगा। नेत्र में संक्रमण तथा हल्की चोट की संभावना भी उत्पन्न हो सकती है।
    प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए उच्च का मंगल परीक्षा में सफलता प्रदान करने वाला सिद्ध हो सकता है।

  • मकर

    आपकी राशि पर गोचर कर रहा उच्च का मंगल आर्थिक प्रगति तथा पराक्रम एवं शाहस की दिशा में उत्तम फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा। यहां गोचर कर रहा मंगल भूमि विवाद से संबंधित मामलों में लाभ प्रदान करने के साथ-साथ नौकरी तथा व्यवसाय में भी प्रगति प्रदान करने वाला सिद्ध हो सकता है।
    उक्त के अतिरिक्त माता के स्वास्थ्य में समस्या अनावश्यक लंबी यात्रा बातचीत में विवाद की स्थिति बार-बार क्रोध का आना संभव है। उच्च रक्तचाप अथवा हृदय रोग से पीड़ित जातक को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा अन्यथा स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी खड़ी हो सकती है। राशि पर गोचर करने के कारण मंगल जीवनसाथी के प्रति विशेष आसक्ति पैदा करने वाला कहा जाएगा।

  • कुंभ

    कुंभ राशि से द्वादश भाव में गोचर कर रहा उच्च का मंगल नकारात्मक फल प्रदान करने की दिशा में अग्रसर कहा जा सकता है। इस समय अनावश्यक रूप से भाग दौड़ का बढ़ना विवाद के कारण मानसिक शारीरिक एवं आर्थिक समस्या नौकरी में सहकर्मियों से मतभेद व्यवसाय में अचानक हानि दुर्घटना एवं नेत्र पीड़ा से संबंधित कष्ट उत्पन्न हो सकता है। यद्यपि मंगल के नकारात्मक गोचर के कारण थोड़ी समस्या अवश्य कही जाएगी परंतु भूमि से संबंधित अथवा भवन के कार्य में विशेष सफलता का योग भी बनाने वाला सिद्ध हो सकता है। मंगल के इस गोचर के समय पर विशेष नियंत्रण रखना होगा अन्यथा आर्थिक समस्या उत्पन्न हो सकती है।

  • वृश्चिक

    उच्च के मंगल का सर्वाधिक लाभ आपको प्राप्त हो सकता है। मीन राशि से एकादश भाव में गोचर कर रहा मंगल आपको चतुर्दिक लाभ प्रदान करने वाला कहा जाएगा। एक तरफ जहां यह रुके हुए कार्यों को गति प्रदान करेगा वही शत्रुओं को भी परास्त कर विवाद की स्थिति समाप्त करने वाला सिद्ध हो सकता है। नौकरी अथवा व्यवसाय के क्षेत्र में उत्तम सफलता, प्रोन्नति की संभावना, नए व्यवसाय का प्रारंभ, अतिरिक्त आय के स्रोत का सृजन, विदेश से जुड़े हुए कार्यों में विशेष सफलता, लंबे समय से प्रतीक्षित विदेश यात्रा का पूर्ण होना आदि संभव कहा जाएगा।
    मंगल के इस शुभ गोचर में आपको संतान के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता कहीं जाएगी। संतान से मानसिक मतभेद की संभावना भी उत्पन्न हो सकती है।