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बसंत पंचमी

यह अत्यंत पावन तिथि प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इसे श्री पंचमी, ज्ञान पंचमी अथवा सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन यह माना जाता है की माता सरस्वती का अवतरण हुआ था। आज के दिन माता सरस्वती का नियम पूर्वक पूजन करने से विद्या ज्ञान विवेक धर्म विनम्रता प्रसिद्धि तथा अमल कीर्ति योग प्राप्त होता है। आज के दिन बच्चों को अक्षर का ज्ञान देना विद्या का आरंभ कराना अथवा ज्ञान से संबंधित किसी भी प्रकार का कार्य अत्यंत शुभ माना जाता है।

पंचमी का प्रारंभ 25 जनवरी 2023 को दोपहर 12:34 30 सेकंड से हो रहा है तथा इसका समापन 26 जनवरी को प्रातः 10:28 36 सेकंड पर हो रहा है। धर्म शास्त्र की मर्यादा के अनुसार उदया तिथि के मापदंड पर सर्वाधिक शुभ पूजा का मुहूर्त सुबह 7:00 बज कर 10 मिनट से दोपहर 12:00 बज कर 31 मिनट तक रहेगा।

विधि -आज के दिन पूजा घर को खूब अच्छे से साफ करें तत्पश्चात गंगाजल का छिड़काव करें

माता सरस्वती का वेद एवं वाद्य यंत्र के साथ सुंदर फोटो लेकर लकड़ी के स्थापित करें। ध्यान रखें की चौकी पर सफेद अथवा पीला वस्त्र ही बिछाए।एक थाली में हल्दी,रोली,मौली, केसर, पीला एवं सफेद फूल, पीली मिठाई, चंदन ,अक्षत लेकर बैठे ।

ऊं विद्यादायिनी शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।
या
ऊं ऐं महासरस्वत्यै नमः।

इसमें से किसी भी मंत्र का जप करते हुए माता सरस्वती को थाली की सामग्री अर्पित करें। सामग्री अर्पित करने के बाद मंत्र का 108 बार अवश्य जब करें।
अंत में माता की आरती कर पीले मिठाई को भोग के रूप में चढ़ाकर मौली को हाथ में बांधे तथा प्रार्थना करें कि हे माता मेरे अज्ञानता को दूर कर प्रकाश प्रदान करिए मुझे विद्या एवं ज्ञान दीजिए जिससे मैं जगत का कल्याण कर सकूं।

आज का महा उपाय

या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।