वर्ष-2022 में वैलेंटाइन डे "अद्भुत" होगा
वर्ष 2022 का योग 6 आता है । अंक 6 का नेतृत्व शुक्र नामक ग्रह करता है। जिसे प्रेम, आनन्द, रोमांस, सौंदर्यता, भोग एवं ऐश्वर्य का कारक ग्रह माना जाता है। अंक शास्त्र के अनुसार यह वर्ष प्रेम करने वालों के लिए अत्यंत लाभकारी होने के साथ-साथ जीवन को प्रेममय बनाने वाला कहा जाएगा।
यद्यपि प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है परंतु इस वर्ष अर्थात 2022 का स्वामी शुक्र होने के कारण युवक व युवतियों के अतिरिक्त हर उम्र के लोगों के अंदर प्रेम के भाव के प्रखर होने की संभावना कहीं जाएगी। संपूर्ण विश्व में कष्ट में पड़े हुए लोगों को सहायता करने के लिए लोग जहां आतुर दिखेंगे वही प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न संकट में भी लोग प्रेम पूर्वक मदद करने के लिए उत्सुक दिखाई देंगे । शुक्र सौंदर्यता, स्वच्छंदता तथा ऐश्वर्य का ग्रह होने के साथ-साथ प्रेम का मूल कारक भी होता है । इस वर्ष शुक्र के अधिक प्रभाव के कारण युवक एवं युवतियों के बीच प्रेम के स्वीकारोक्ति की अधिकता होने के साथ-साथ स्वतंत्र निर्णय लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ने के संकेत कहे जा सकते हैं। शुक्र राक्षसों का गुरु कहा जाता है परंतु यह बहुत संस्कारों से जुड़ा हुआ ग्रह नहीं कहलाता। जिसके परिणामस्वरूप युवक एवं युवतियों के बीच जात -पात के बंधन टूटने, विवाह के लिए स्वतंत्र निर्णय की तरफ बढ़ने एवं कुरीतियों के भी टूटने की संभावनाएं अधिक कई जाएंगी।
अधिकांशतः यह मान्यता है कि वैलेंटाइन डे पश्चिमी देशों में युवक एवं युवतियों को एक दूसरे के प्रति समर्पण तथा प्रेम को व्यक्त करने का सुंदर अवसर है। जो कुछ हद तक सत्य भी प्रतीत होता है। लेकिन वैलेंटाइन डे मात्र युवक व युवती के बीच ही प्रेम के अभिव्यक्ति का दिवस है यह सत्य नहीं है। मूलतः यदि हम इस के इतिहास में जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि वास्तव में संत वैलेंटाइन तथा जेलर के पुत्री के बीच के पावन प्रेम को समाज में रेखांकित करने के लिए यह यह पवित्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यदि हम वैलेंटाइन डे के मुख्य दो पात्रों संत वैलेंटाइन तथा जेलर की पुत्री के बीच के प्रेम को समझने का प्रयास करें तो स्पष्ट हो जाता है कि इस दिन का महत्व तथा संदेश क्या है? जेलर की लड़की अंधी थी जो लगभग नियमित रूप से जेल में बंद संत वैलेंटाइन से मिलने आती थी। एक दिन संत वैलेंटाइन ने अपने आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रभाव से उसकी अंधी आंखों को स्पर्श कर उसके जीवन में प्रकाश भर गया दीया अर्थात उसका अंधापन समाप्त कर दिया। धीरे- धीरे दोनों एक दूसरे से पावन प्रेम करने लगे। इन दोनों के प्रेम में कहीं भी वासना का स्पर्श नहीं देखा जा सकता। अर्थात वैलेंटाइन डे का स्पष्ट संदेश -एक दूसरे के प्रति पावन प्रेम की अभिव्यक्ति को कहा जा सकता है।