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वर्ष - 2023 में भारत

वर्ष 2023 के आरंभ के समय सूर्य तथा बुध धनु राशि में शुक्र तथा शनि मकर राशि में ,राहु मेष राशि में तथा केतु तुला राशि में बृहस्पति मीन राशि में गोचर करेगा। वर्ष के प्रारंभ में ही चंद्रमा तथा राहु मेष राशि में रहेंगे। उक्त गोचर की अवस्था यह स्पष्ट कर रही है की भारत के लिए वर्ष 2023 विशेष चुनौती उत्पन्न करने वाला सिद्ध हो सकता है। 17 जनवरी 2023 को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही भारतवर्ष शनि की ढैया के प्रभाव में आ जाएगा। लोकतंत्र के मुख्य संचालक शनि की विपरीत अवस्था शुभ संकेत प्रदान नहीं कर रहा है। भारतवर्ष के स्वतंत्रता के समय की कर्क राशि होने के कारण वर्ष प्रवेश के समय चंद्रमा का राहु के साथ सहयोग जनता के बीच रोग,महामारी,लोकतंत्र, महंगाई रोजगार आदि का संकट उत्पन्न करने के साथ-साथ आपसी विद्वेष की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।

यद्यपि भाग्य भाव में बैठा हुआ बृहस्पति 22 अप्रैल तक लगभग सामान्य स्थिति को बनाए रखने में सफल कहा जाएगा लेकिन अप्रैल 2023 के बाद बृहस्पति का राहु के साथ संयोग शासन सत्ता को दुर्बल बनाने के साथ-साथ आर्थिक संकट तथा असंतोष उत्पन्न करने वाला सिद्ध हो सकता है।
सारांश रूप में यह कहा जा सकता है की शनि की ढैया तथा गोचर में बनने वाले गुरु चांडाल योग के कारण भारतवर्ष में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता, महंगाई, आचरण में गिरावट, जातिगत तथा धार्मिक संघर्ष, आर्थिक संकट, पैदावार में कमी मौसम की प्रतिकूलता, बेरोजगारी महामारी आदि समस्या उत्पन्न हो सकती है।

उपरोक्त गोचरीय स्थिति के कारण मेष से मीन राशि पर पड़ने वाले प्रभाव निम्न वत कहे जाएंगे।

  • मेष

    वर्ष के प्रारंभ में राशि का स्वामी मंगल द्वितीय भाव में गोचर करेगा तथा बृहस्पति राशि से द्वादश होने के कारण सामान्य फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा । 17 जनवरी 2023 को शनि की कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही साथ आपके समय में उचित बदलाव अथवा अपेक्षित प्रगति की संभावना कहीं जाएगी। 22 अप्रैल 2023 को बृहस्पति के राशि परिवर्तन तथा एकादश भाव में शनि का गोचर आपको विशेष आर्थिक लाभ प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। रुके हुए कार्यों का पूर्ण होना चल रहे कार्यों में अपेक्षाकृत लाभ आय के नए स्रोत का बनना नौकरी की प्राप्ति इक्षित स्थानांतरण व्यवसाय के नए अवसर प्राप्त होना सामाजिक प्रतिष्ठा का बढ़ना प्रतियोगी परीक्षा में सफलता घर में मांगलिक कार्य का संपन्न होना आदि फल प्राप्त होने की संभावना कहीं जाएगी।
    आपकी राशि पर 22 अप्रैल 2023 के बाद बृहस्पति तथा राहु का एक साथ सृजन गोचर आपके आरोग्य के लिए अच्छा नहीं कहा जाएगा तथा अनावश्यक रूप से जोखिम लेने के कारण कमाए हुए धन के नष्ट होने की भी संभावना कही जा सकती है।

    उपाय- उपरोक्त से बचाव हेतु नियमित रूप से ॐ रां राहवे नमः अथवा बजरंग बाण का पाठ करना लाभकारी सिद्ध होगा

  • वृष

    वर्ष 2023 के प्रारंभ के समय आपकी राशि का स्वामी शुक्र, भाग्य के अधिपति शनि के साथ भाग्य भाव में गोचर करेगा तथा राशि से लाभ के घर में बृहस्पति की उपस्थिति वर्ष के मंगलकारी परिणाम को बढ़ाने वाली सिद्ध होगी।
    उपरोक्त शुभ ग्रहों की अवस्था के कारण बिगड़े हुए कार्यों का बनना, आरोग्यता परिवार में मंगल की स्थिति नए कार्य के अवसर प्राप्त होना आर्थिक क्षेत्र में बढ़ोतरी रोजी रोजगार की प्राप्ति विदेश यात्रा गमन अध्यात्मिक कार्यों में रुचि घर में मांगलिक कार्य का संपन्न होना आदि फल प्राप्त होने की संपूर्ण भावना कही जाएगी। 17 जनवरी 2023 के बाद शनि आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेगा। शनि का यह गोचर जहां नौकरी अथवा व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए विशेष लाभकारी स्थिति उत्पन्न करेगा वही प्रतियोगी विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्रदान करने में महती भूमिका निभाएगा।
    22 अप्रैल 2023 के बाद राशि से द्वादश भाव में बृहस्पति तथा राहु की युति अचानक व्यय अथवा मानसिक चिंता की स्थिति भी उत्पन्न कर सकती है परंतु चिंता की कोई आवश्यकता नहीं यह मात्र अक्टूबर तक ही स्थिति रहेगी। उक्त समय में जोखिम भरे कार्यों से दूर रहें तथा वाहन धीमा चलाएं।

    उपाय- उत्तम गोचर की अवस्था के लाभ हेतु आप को नियमित रूप से राम रक्षास्तोत्रम का पाठ करना लाभकारी कहा जाएगा।

  • मिथुन

    आपकी राशि का स्वामी बुध वर्ष के प्रारंभ में राशि से सप्तम भाव में सूर्य के साथ गोचर करेगा तथा भाग्य का अधिपति शनि, अष्टम भाव में परिक्रमण करेगा। अर्थात शनि की चलती हुई ढ़ैया के कारण 17 जनवरी 2023 तक लगभग यथावत स्थिति कहीं जाएगी परंतु तदुपरांत शनि के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही साथ लंबे समय से चल रही शनि की ढैया का अंत हो जाएगा।
    जिसके कारण पीछे की समस्याओं का धीरे-धीरे समापन, शरीर में उत्पन्न विकार का निवारण, दुर्घटना से मुक्ति, भाग्य के सहयोग से कठिन से कठिन कार्यों का संपन्न होना, चल रहे कार्यों में आर्थिक लाभ, रोजगार का प्रारंभ, प्रतियोगी विद्यार्थियों को नौकरी की प्राप्ति, नौकरी में स्थानांतरण तथा परिवर्तन,युवक एवं युवतियों को इच्छा अनुसार साथी की प्राप्ति आदि लाभकारी परिणाम प्राप्त होने की पूरी संभावना कही जाएगी।
    सारांश रूप में मिथुन राशि के लिए वर्ष 2023 शारीरिक मानसिक आर्थिक परिवारिक तथा सामाजिक क्षेत्र में प्रगति प्रदान करने वाला कहा जाएगा। पंचम भाव में केतु का गोचर पाचन क्रिया तथा संतान से पीड़ा प्रदान कर सकता है। अतः परिवार के सदस्यों के साथ विनम्रता पूर्ण व्यवहार करें तथा केतु के मंत्र का नियमित जप करें।

    उपाय- केतु के पंचम भाव में गोचर करने के कारण उत्पन्न होने वाली मानसिक समस्या अथवा संतान तथा परिवार के साथ मतभेद की स्थिति को न्यूनतम ने हेतु "ॐ कें केतवे नमः" मंत्र का 108 बार जप अवश्य करें।

  • कर्क

    आपकी राशि के लिए यह वर्ष सावधानी का कहा जाएगा। वर्ष के प्रारंभ में चंद्रमा का राहु के साथ पाया जाना तथा 17 जनवरी से शनि की द्वितीय ढैया के कारण मानसिक रूप से नकारात्मक स्थिति का अनुभव हो सकता है। प्रत्येक कार्य में रुकावट, चलते हुए कार्यों का अवरुद्ध होना, अपने शुभचिंतकों के साथ वैचारिक मतभेद, परिवार में असंतोष का उत्पन्न होना, अनावश्यक आर्थिक संकट, जोखिम भरे कार्यों में हानि की संभावना कहीं जाएगी।
    उक्त के अतिरिक्त शारीरिक कष्ट किसी भी कार्य में मन का ना लगना आलस्य की अधिकता यात्रा में परेशानी विश्वासघात हर कार्य में संघर्ष तथा अपेक्षा के विपरीत परिणाम प्राप्त होने की संभावना। 22 अप्रैल 2023 के बाद राशि से दशम भाव में बनने वाले गुरु चांडाल योग के कारण नौकरी में अचानक समस्या तथा व्यवसाय में हानि भी उत्पन्न हो सकती है।

    उपाय वर्ष 2023 मैं नकारात्मक परिणाम से बचाव हेतु नियमित रूप से आपको "ॐ सं शनिश्चराय नमः" मंत्र का एक माला जप करना चाहिए।

  • सिंह

    सिंह राशि का अधिपति सूर्य, वर्ष के प्रारंभ के समय राशि से पंचम भाव में, बुध के साथ गोचर करेगा तथा पंचम भाव का अधिपति बृहस्पति स्वग्रृही अवस्था में रहेगा। छठे भाव में शनि की स्थिति तथा भाग्य भाव में राहु का गोचर वर्ष 2023 को उपलब्धियों का वर्ष बनाने में सहयोगी कहा जाएगा।
    17 जनवरी 2023 को आपकी राशि से सप्तम भाव में शनि का गोचर भी लाभकारी परिणाम प्रदान करने की स्थिति में आ जाएगा। उपरोक्त गोचर की अवस्था को ध्यान में रखते हुए यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है की इस वर्ष आपको अपेक्षित लाभ मिलने की पूरी संभावना है।
    22 अप्रैल 2023 के बाद बृहस्पति के नवम भाव में प्रवेश करने के साथ ही साथ बिगड़े हुए कार्यों का बनना, छोटे-छोटे अवरोध के कारण बाधित कार्यों का संपन्न होना, बिगड़े हुए संबंधों का निवारण होना, आर्थिक प्रगति के नए मार्ग का बनना, व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि, नौकरी में प्रोन्नति, विदेश यात्रा गमन, प्रतियोगी विद्यार्थियों को नौकरी की प्राप्ति, साझेदारी के व्यवसाय में विशेष लाभ,अविवाहित युवक एवं युवतियों का विवाह होना आदि परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

    उपाय- उत्तम गोचरी अवस्था के लाभ के लिए आपको नियमित रूप से सुंदरकांड पढ़ने की सलाह दी जाएगी।

  • कन्या

    वर्ष 2023 में आपको मिश्रित फल प्राप्त होने की संभावना कहीं जाएगी। एक तरफ जहां राहु अष्टम भाव में गोचर कर प्रत्येक कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाला सिद्ध होगा वही सप्तम भाव में बृहस्पति प्राकृतिक रूप से धैर्यवान बनाते हुए रास्ते के सभी अवरोधों को दूर करने का हर संभव प्रयास करेगा। अतः इस वर्ष को लाभकारी बनाने हेतु आपको प्रत्येक कार्य सोच समझकर करने की सलाह दी जाएगी तथा किसी भी तरह के कार्य में जोखिम लेने से मना किया जाएगा।
    17 जनवरी 2020 के बाद शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने के साथ थोड़ा राहत अवश्य प्राप्त होगा तथा सनी प्रगति के मार्ग में आने वाली बाधाओं को मंद गति से समाप्त करने में सफल कहा जाएगा। स्वरूप फल स्वरूप कार्य में आ रही रुकावट धीरे-धीरे समाप्त होगी तथा आर्थिक क्षेत्र में भी पूर्व से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। अप्रैल 2023 तक नए कार्य के प्रारंभ आर्थिक क्षेत्र में प्रगति परिवारिक संपत्ति की प्राप्ति घर में मांगलिक कार्य का संपन्न होना परिवार में सन्मति के कारण अच्छे कार्यों का होना आर्थिक प्रगति हेतु नए कार्य का प्रारंभ आदि फल प्राप्त होने की पूरी संभावना कहीं जाएगी।।
    22 अप्रैल 2023 के बाद बृहस्पति आपकी राशि से अष्टम भाव में राहु के साथ गोचर करते हुए गुरु चांडाल योग का सृजन करेगा। यह योग आपके स्वास्थ्य आर्थिक प्रगति तथा सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं कहा जाएगा। अतः अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 तक किसी भी प्रकार का जोखिम भरा कार्य न करें तथा यदि संभव हो सके तो नए प्रकार के कार्य का प्रारंभ भी ना करें। तेज वाहन चलाने से बचें तथा दूसरे की विवाद में कदापि ना पड़े अन्यथा गंभीर नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकता है।

    उपाय- अष्टम के राहु तथा बृहस्पति के नकारात्मक गोचर से बचाव हेतु आपको नियमित रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने की सलाह दी जाएगी।

  • तुला

    आपकी राशि के स्वामी शुक्र का वर्ष के समय चतुर्थ भाव में शनि के साथ युति विशेष लाभकारी परिणाम प्रदान करने वाली सिद्ध होगी। इस वर्ष अर्थात 2023 मे शनि की उत्तम गोचरीय अवस्था के कारण आपको शारीरिक, मानसिक, आर्थिक तथा परिवारिक रुप से विशेष आनंद प्राप्त होने की पूरी संभावना कही जाएगी।
    17 जनवरी 2023 को शनि की कुंभ राशि में प्रवेश के साथ रुके हुए कार्यों में गति का आना, बिगड़े हुए संबंधों का बनना, व्यवसाय में विशेष आर्थिक लाभ, सामाजिक प्रतिष्ठा का बढ़ना, नए आर्थिक स्रोत का सृजन होना, प्रतियोगी विद्यार्थियों को नौकरी की प्राप्ति, नौकरी में प्रोन्नति, इच्छा के अनुरूप नौकरी में परिवर्तन, विदेश में व्यवसाय अथवा नौकरी का अवसर प्राप्त होना, स्वजनों का पूर्ण सहयोग,जीवनसाथी के विशेष सहयोग से आत्मविश्वास में वृद्धि ,संतान की प्रगति से लाभ आदि लाभकारी परिणाम प्राप्त होने की पूरी संभावना कही जाएगी।
    अप्रैल 2023 के बाद आपकी राशि से सप्तम भाव में बनने वाले गुरु चांडाल योग के प्रभाव के कारण जीवन साथी के स्वास्थ्य से पीड़ा अथवा साझेदारी के व्यवसाय में हानि हो सकती है। अतः दोनों ही पक्षों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता कहीं जाएगी।

    उपाय- यद्यपि वर्ष आपके लिए विशेष लाभकारी है परंतु व्यवसाय में हानि तथा पत्नी के स्वास्थ्य की पीड़ा से बचने हेतु आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ कल्याणकारी फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा।

  • वृश्चिक

    मंगल आपके राशि का अधिपति ग्रह है तथा वर्ष के प्रारंभ के समय यह सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। राशि से तृतीय भाव में शनि का गोचर तथा छठे भाव में राहु का परिक्रमण साहसिक कार्यों में विशेष सफलता प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।
    विशेष रुप से पंचम भाव में बैठा हुआ बृहस्पति आपके द्वारा दिए गए निर्णय को सफल बनाएगा तथा यदि आप किसी भी प्रकार से बौद्धिक अथवा परामर्श से संबंधित कार्य करते हैं तो उल्लेखनीय प्रगति प्रदान करने में सहायक कहा जाएगा।
    यद्यपि 17 जनवरी 2023 से शनि के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही आपकी कलम कल्याणकारी ढैया का प्रारंभ होगा परंतु यह चिंतनीय कदापि नहीं कहा जाएगा। सारांश रूप में बृहस्पति, शनि, राहु की लाभकारी अवस्था के कारण चल रहे कार्यों में प्रगति, नए कार्य का प्रारंभ, नौकरी में प्रोन्नति,अचानक पिता से लाभ, भूमि अथवा ठेकेदारी के कार्य में विशेष लाभ, डूबे हुए धन की प्राप्ति, पत्नी के सहयोग से आर्थिक लाभ, संतान की प्रगति से आनंद यात्रा का विशेष लाभ आदि प्राप्त होने की पूरी संभावना कहीं जाएगी ।

    उपाय- यह वर्ष आपकी प्रगति के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय कहा जाएगा परंतु चोट चपेट तथा आर्थिक व से बचाव हेतु हनुमान चालीसा का नियमित पाठ लाभकारी सिद्ध होगा।

  • धनु

    आपकी राशि का अधिपति ग्रह बृहस्पति वर्ष के प्रारंभ में अपनी मीन राशि में परिक्रमण करेगा तथा सनी धन भाव में गोचर करेगा। बृहस्पति की उत्तम अवस्था के कारण वर्ष का फल आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष प्रगति प्राप्त होने के साथ-साथ सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ने का उचित संकेत कहा जाएगा। 17 जनवरी 2023 को आपकी चल रही साढ़ेसाती का जहां समापन होगा वही राशि से तृतीय भाव में शनि का गोचर सभी प्रकार के मंगल फल प्रदान करने वाला कहा जाएगा। पूर्व में आ रही बाधाओं का जहां समापन होगा वहीं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी उत्तम फल प्राप्त होने के संकेत कहे जाएंगे। यद्यपि बृहस्पति कथा सनी की लाभकारी अवस्था आपको चतुर्दिक सफलता प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी ।फलस्वरूप नए कार्यों का प्रारंभ, चल रहे कार्यों में आशा के अनुरूप सफलता ,शत्रुओं पर विजय, घर में मांगलिक कार्य का संपन्न होना, विवाह के योग्य युवक एवं युवतियों का विवाह सुनिश्चित होना,विदेश यात्रा गमन, आध्यात्मिक कार्यों में रुचि आदि फल प्राप्त हो सकते हैं। वर्ष 2023 के अक्टूबर माह तक संतान के अनुशासन तथा शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता कहीं जाएगी अन्यथा बृहस्पति तथा शनि द्वारा प्रदत्त सभी प्रकार की भौतिक उपलब्धियां व्यर्थ सिद्ध हो सकती हैं।

    उपाय- अक्टूबर 2023 तक नियमित रूप से राहु के मंत्र का जप ॐ राम राहवे नमः करें तथा कुत्तों को रोटी खिलाएं।

  • मकर

    शनि आपकी राशि का अधिकृत होकर राशि पर ही गोचर कर रहा है। अर्थात आप मध्य की साढ़ेसाती का भोग कर रहे हैं। 17 जनवरी 2023 को शनि की साढ़ेसाती अपने आखिरी चरण में प्रवेश करेगी। यदि आप शनि प्रधान जातक हैं तो पूर्व की विफलताओं तथा स्वास्थ्य की प्रतिकूलता मैं विशेष लाभ का अनुभव करने के साथ-साथ नवीन कार्यों के प्रारंभ से विशेष आनंद का अनुभव कर सकेंगे। उतरती हुई साढ़ेसाती नौकरी तथा व्यवसाय के लिए विशेष लाभकारी कहीं जाएगी। यद्यपि राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा राहु येन केन प्रकारेण आपके मार्ग में बाधा पहुंचाने का प्रयास कर सकता है परंतु राहु अल्पकालिक प्रगति को रोकने में सफल अवश्य हो सकता है परंतु दीर्घकालिक विफलता प्रदान करने में सक्षम नहीं कहा जाएगा। अतः पूरे मनोयोग से रुके हुए कार्यों को संपादित करें तथा नवीन कार्य का प्रारंभ करें। यदि आप बृहस्पति प्रधान जातक हैं तो निश्चित रूप से किसी भी कार्य को करने के पूर्व पूर्ण विचार कर लें तथा जोखिम भरा कोई भी कार्य न करें। माता पिता के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।

    उपाय- नियमित रूप से शनि स्त्रोत का पाठ कल्याणकारी परिणाम प्रदान करने वाला कहा जाएगा।

  • कुंभ

    राशि के स्वामी शनि का वर्ष के प्रारंभ के समय द्वादश पाया जाना अच्छा संकेत नहीं कहा जाएगा यदि आपका जन्म वृष,मिथुन,कन्या, तुला ,मकर अथवा कुंभ लग्न का है तो मध्यम फल प्राप्त होने की संभावना कही जाएगी परंतु यदि जन्म मेष, कर्क, सिंह,वृश्चिक, धनु अथवा मीन लग्न का है तो विशेष नकारात्मक फल प्राप्त होने की पूरी संभावना कहीं जाएगी।
    राशि से द्वादश भाव में गोचर कर रहा सनी आर्थिक क्षेत्र में नकारात्मक परिणाम प्रदान करने के साथ-साथ स्वास्थ्य में भी समस्या पैदा कर सकता है। स्वजनों से विरोध,अनावश्यक क्रोध के कारण हानि, अप्रिय भाषा का प्रयोग ,चल रहे कार्यों में विघ्न का उत्पन्न होना, प्रारंभ होने वाले कार्यों का टलना, नौकरी में समस्या उच्चाधिकारियों से मतभेद प्रोन्नति का रुकना स्थानांतरण से समस्या बार बार चोट लगना धन हानि आदि परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यदि आप प्रतियोगी विद्यार्थी हैं तो सफलता के लिए विशेष एकाग्रता बनाए रखना होगा अन्यथा साढ़ेसाती मतिभ्रम की अवस्था उत्पन्न कर शिक्षा से दूर कर सकती है।

    उपाय- शनि की साढ़ेसाती से बचाव हेतु आपको एस्ट्रो टर्मिनल मोबाइल ऐप द्वारा साढ़ेसाती के समापन की वास्तविक तिथि का ज्ञान कर दिए गए उपाय का अनुपालन करना चाहिए।

  • मीन

    आपकी राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति राशिफल ही गोचर कर रहा है जिसके फलस्वरूप किसी विशेष नकारात्मक स्थिति की भविष्यवाणी नहीं की जाएगी परंतु 17 जनवरी 2023 से आप की साढ़ेसाती का प्रारंभ कहा जाएगा परंतु यह अवश्य ध्यान रखें की सभी मीन राशि के जातकों की साढ़ेसाती एक ही समय नहीं शुरू होती है और ना ही समाप्त। अतः साढ़ेसाती के वास्तविक प्रारंभ होने के समय के ज्ञान के लिए एस्ट्रो पर मिलन मोबाइल ऐप के विशिष्ट साढ़ेसाती रिपोर्ट को पढ़े तथा दिए गए उपाय का अनुपालन करें।
    साढ़ेसाती के प्रभावी होने से प्रत्येक कार्य में बाधा चल रहे कार्यों का रुकना अपने लोगों से मतभेद माता पिता के स्वास्थ्य से चिंता परिवार के सदस्यों से मतभेद अचानक खर्च के बढ़ने से ऋण की स्थिति वाहन से चोट चपेट नौकरी में अचानक समस्या बदनामी आर्थिक हानि आदि की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
    यद्यपि 22 अप्रैल 2023 तक बृहस्पति की शुभ अवस्था के कारण किसी विशेष नकारात्मक फल की संभावना नहीं कही जाएगी परंतु अप्रैल के बाद बृहस्पति की मेष राशि का गोचर आपके लिए चिंता का विषय अवश्य बन सकता है क्योंकि वहां पहले से गोचर कर रहा राहु बृहस्पति के साथ गुरु चांडाल योग का निर्माण करेगा।

    उपाय-अतः इस स्थिति से बचाव हेतु नियमित रूप से विष्णु स्तोत्रम का पाठ करें तथा एस्ट्रो टर्मिनल मोबाइल ऐप में साढ़ेसाती से बचाव के दिए गए उपाय का अनुपालन करें।