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Enter your OTP Codeपुखराज बृहस्पति का रत्न है। जो शुभता का प्रतीक होता है। बृहस्पति के जन्मांग में दुर्बल अथवा पापाक्रांत होने की दशा में पुखराज अमृत का कार्य करता है। इसके नकारात्मक होने के कारण धर्म के प्रति अरुचि, पढ़ाई के प्रति गंभीरता का न होना, घर में मांगलिक कार्य होने में विघ्न, आर्थिक संकट, परिवार में वैमनस्यता आदि समस्याएं आ सकती हैं। इस रत्न को धारण करने के बाद बृहस्पति के संतुलित होने के कारण सभी सुख सहज ही प्राप्त हो सकते हैं।
मूल्य | ||
खान का नाम | वजन(कैरेट) | मूल्य |
बैंकाक
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3 | 2200 |
4 | 3000 | |
5 | 5000 | |
6 | 7000 | |
7 | 9000 | |
8 | 15000 | |
सिलोनी (श्रीलंका)
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3 | 15000 |
4 | 32000 | |
5 | 52000 | |
6 | 62000 | |
7 | 84000 | |
8 | 96600 | |
वर्मा
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3 | 22000 |
4 | 36000 | |
5 | 58000 | |
6 | 73000 | |
7 | 92000 | |
8 | 101200 | |
विशेष ऐस्ट्रोटर्मिनल द्वारा आपको उपलब्ध कराए जाने वाला पुखराज भिन्न-भिन्न विशेषज्ञों के भौतिक परीक्षण के साथ-साथ लैब द्वारा टेस्ट किए जाने के बाद प्रमाण पत्र के साथ दिया जाता है। जिसके शुद्धता की 100% गारंटी प्रदान की जाती है। |
बृहस्पति का मूल रत्न पीला पुखराज है परन्तु कुछ विशेष स्थितियों में इसके उपरत्न का प्रभाव भी अत्यंत चमत्कारी देखा जाता है। माणिक्य के उपरत्न की श्रेणी में बहुत से उपरत्न आते है परन्तु ब्यवहारिक रूप से सबसे प्रभावकारी उपरत्न निम्नवत है :-